*पूर्वांचल राज्य समाचार पत्र के ज़िला संवाददाता शबलू खा से गाली गलौज मामले में मुक़दमा दर्ज*
*संवाददाता मंजीत शर्मा के साथ नीलेश भारती की रिपोर्ट*
पीलीभीत पुरनपूर।एक तरफ योगी सरकार पत्रकार के हित की बात करती है और उनको सम्मान देने की बात करती है। तो वहीं जनपद पीलीभीत की पूरनपुर कोतवाली में पत्रकार के शिकायती प्रार्थना पत्र को ही रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। मामला जनपद पीलीभीत का है जहां पर पूर्वांचल राज्य समाचार पत्र के जिला संवाददाता शबलू खा के द्वारा एक खबर प्रकाशित करने के संबंध में कुछ दबंग लोगों ने फोन कर गाली गलौज किया था, जिसके बाद पीड़ित मीडियाकर्मी ने 17 जुलाई को ही पूरनपुर कोतवाल को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद पीड़ित मीडियाकर्मी कोतवाल राजीव शर्मा से लगातार कार्यवाही की मांग कर रहा था। लेकिन पूरनपुर कोतवाल लगातार मामले में टाल मटोल करते नजर आ रहे थे, जिसके बाद एपजा संगठन ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मोर्चा खोल दिया। जिसमें लखनऊ से एपजा संगठन के को – ऑर्डिनेटर अनुराग सारथी पूरनपुर पहुंचे। इसके बाद उनके आवाहन पर जनपद पीलीभीत सहित गैर जनपद लखीमपुर खीरी, सीतापुर सहित कई अन्य जनपद से भी सैकड़ो पत्रकार पहुंचे। जिसके बाद पीड़ित मीडियाकर्मी ने ऐपजा संगठन के चीफ को – ऑर्डिनेटर अनुराग सारथी को आप बीती सुनाई। जिसके बाद अनुराग सारथी ने अपने संगठन के पत्रकारों के साथ उन्होंने पूरनपुर स्थित गेस्ट हाउस से पैदल ही चलकर रास्ते में पूरनपुर कोतवाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कोतवाली में जा धमके और वहीं पर कार्यवाही न होने तक धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी, साथ ही उन्होंने पूरनपुर कोतवाली पहुंचकर 15 मिनट का अल्टीमेट दिया और कहा कि अगर 15 मिनट के अंदर पीड़ित मीडिया कर्मी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद आनन फानन में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। जिसके लगभग 1 घंटे बाद धरना समाप्त हुआ। वही कोतवाल पूरनपुर की कार्यशैली को लेकर भी तरह-तरह की बातें हुई। फिलहाल देखना यह होगा की पुलिस कार्रवाई करती है या फिर मामला जांच तक की सीमित रहता है।