सोने के रेट पर भ्रम फैला है। सराफा व्यापारियों के संगठन कीमतों को लेकर ग्राहकों का भ्रम दूर कर रहे हैं। बजट में सोने पर 10 फीसदी कस्टम शुल्क और 5 फीसदी कृषि सेस को घटाकर केवल 5 और 1 फीसदी कर दिया गया।
सराफा व्यापारियों के संगठन कीमतों को लेकर ग्राहकों का भ्रम दूर कर रहे हैं। बजट में सोने पर 10 फीसदी कस्टम शुल्क और 5 फीसदी कृषि सेस को घटाकर केवल 5 और 1 फीसदी कर दिया गया। यानी 15 फीसदी की जगह ये शुल्क 6 फीसदी रह गया।
ग्राहकों ने बजट के पहले चल रहे सोने के भाव (लगभग 73,500 रुपये प्रति 10 ग्राम) पर सीधे 9 फीसदी रेट घटा दिए। ये करीब 6500 रुपये थे लेकिन सोने के भाव में गिरावट लगभग 2500 रुपये प्रति दस ग्राम की आई।
ग्राहकों की इस ‘गणित’ को सराफा संगठनों से सुधारा
एआईजीजेएफ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष वर्मा और प्रदेश संयोजक विनोद महेश्वरी के मुताबिक बजट से पहले बाजार में बिक रहे सोने के भाव में 15 फीसदी कस्टम ड्यूटी के अलावा 3 फीसदी जीएसटी भी लगा था। 6 फीसदी कस्टम शुल्क और 3 फीसदी जीएसटी है। यानी 73,500 में पहले 18 फीसदी कस्टम ड्यूटी और जीएसटी घटाने के बाद सोने की मूल कीमत निकलेगी।
ऑल इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के निदेशक अजय अग्रवाल ने बताया कि नवरात्र से सोने की मांग रिकॉर्ड तोड़ सकती है। बीच का एक महीना छोड़ दें तो इस बार नवंबर से जून तक लंबी सहालग है। विदेशों की आर्थिक मंदी का असर भी दिखाई देगा। बाजार का मानना है कि जनवरी तक सोना 85 हजार रुपये हो जाएगा।
दस साल से सोने में आयात शुल्क घटाने की मांग कर रहे सराफा बाजार के लिए मंगलवार का दिन मंगलकारी साबित हुआ। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसे ही सोने से आयात शुल्क व कृषि सेस 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की, तो सराफा बाजार को भी एकबारगी यकीन नहीं हुआ।