प्रमोद कृष्णम ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, जहां तक अर्जुन और महाभारत का सवाल है, अर्जुन तो एक ही है इस देश में। जिसने 2014 का चक्रव्यूह तोड़ा, जिसने 2019 का तोड़ा, जिसने 2024 का चक्रव्यूह तोड़ा और वो अर्जुन है नरेंद्र मोदी। राहुल गांधी तो पूरे कौरव दल को इकट्ठा करके अपने साथ खड़े हैं, तो राहुल गांधी ना अभिमन्यु हो सकते हैं और ना अर्जुन हो सकते हैं।
कल्कि धाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में लाए गए कानून पर खुलकर राय रखी। उन्होंने कहा, विपक्ष का एकमात्र लक्ष्य है भारत की संस्कृति को नष्ट किया जाए। भारतीय संस्कृति सभ्यता, विचारों को खत्म किया जाए।
ये तो इस देश में तालिबानी शासन चाहते हैं। जहां तक लव जिहाद की बात है। जहां लव है वहां जेहाद नहीं हो सकता और जहां जेहाद है वहां लव नहीं हो सकता। दुनियां का कोई धर्म यह नहीं बताता कि झूठ बोलकर रिश्ता बनाओ। आज जो उत्तर प्रदेश की सरकार ने फैसला लिया है, मैं योगी आदित्यनाथ जी की सराहना करता हूं और सरकार की भी सराहना करता हूं। सबको इसका समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने उक्त बातें देवरिया के भुजोली में कही। वह विजय राय के आवास पर थोड़ी देर रुके थे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान कि भाजपा देश के लोगों को चक्रव्यूह में फंसा रही है के सवाल पर जवाब देते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी को पता ही नहीं कि चक्रव्यूह की रचना किसने की।
कल मैं उनका बयान सुन रहा था जो पार्लियामेंट में जो उन्होंने वक्तव्य दिया है। वो तो कह रहे थे कि चक्रव्यूह में छह लोग थे। अरे भैया! चक्रव्यूह की रचना की थी सात महारथियों ने और सात द्वार थे। सात महारथियों ने मिलकर अभिमन्यु की हत्या की थी। वो कह रहे थे अरे साहब! हम तो चक्रव्यूह को तोड़ेंगे।
मुझे लगता है राहुल, न तो अभिमन्यु हैं और ना अर्जुन हैं। वो क्या हैं उन्हें खुद ही नहीं पता। यह शोध का विषय है कि राहुल गांधी क्या हैं। और ये क्या बोलते हैं। कुछ पर्ची मास्टर हैं, जो उन्हें पर्ची थमा देते हैं बोलने से पहले। पर्ची मास्टरों को वजह से कांग्रेस की यह दुर्दशा हो रही है।
जहां तक अर्जुन और महाभारत का सवाल है, अर्जुन तो एक ही है इस देश में। जिसने 2014 का चक्रव्यूह तोड़ा, जिसने 2019 का तोड़ा, जिसने 2024 का चक्रव्यूह तोड़ा और वो अर्जुन है नरेंद्र मोदी। राहुल गांधी तो पूरे कौरव दल को इकट्ठा करके अपने साथ खड़े हैं, तो राहुल गांधी ना अभिमन्यु हो सकते हैं और ना अर्जुन हो सकते हैं