महायोजना 2031 में ग्रीन बेल्ट और बाग बताए गए महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर दो व सिंघड़िया इलाके के लोगों की पीड़ा को जीडीए ने समझा और उस पर कार्ययोजना बनाने की बात कही है। बताया जा रहा है कि जीडीए की तरफ से बोर्ड की बैठक में प्रभावित इलाके का भू-उपयोग बदलने का प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। इस प्रस्ताव पर शासन की सहमति मिलने पर जीडीए इन दोनों इलाकों को सामान्य घोषित कर सकता है।
इस प्रस्तापर शासन की सहमति मिलने पर जीडीए इन दोनों इलाकों को सामान्य घोषित कर सकता है। महायोजना 2031 में शहर और इसके चारों तरफ विकास की संभावना वाले इलाकों में सड़क, नाली, बिजली आदि की व्यवस्था के लिए प्रारूप तैयार किया गया है।
अपनी काॅलोनी को भी वैध घोषित कराने की लड़ाई लड़ रहे फौजी कामेश्वर सिंह, भरत, दिग्विजय नारायण पाठक, अरविंद यादव आदि ने बताया कि जब-जब महायोजना बनी और लोगों से आपत्तियां मांगी गईं तो हमने कीं। महायोजना 2031 बनाने के लिए भी आपत्तियां की गई थीं, लेकिन हमारी नहीं सुनी गई।
कामेश्वर सिंह बताते हैं-हमारे घर में ही जीडीए की तरफ से कैंप लगाकर आपत्तियाें पर सुनवाई की गई थी। 7 नवंबर को 700 लोगों को बुलाया गया था और सब की सुनवाई भी हुई। आश्वासन मिला कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, इस मोहल्ले को भी आवासीय कर दिया जाएगा।
केवल इसके लिए निर्धारित शुल्क ही देना पड़ेगा। इसी प्रकार बगल के मोहल्लों से भी आपत्तियां गईं। आश्चर्य यह है कि शहर की 26 में से 25 अवैध काॅलोनियों में रहने वालों की शिकायत पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए उन्हें वैध कर दिया गया, लेकिन केवल महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर 2 व सिंघड़िया के हिस्से को ग्रीन बेल्ट व बाग ही रहने दिया गया।
लोगों को इसकी जानकारी भी तब हुई, जब सात मार्च के बाद पोर्टल पर इसे अपडेट किया गया।
ये करना होगा उपाय
मामला चर्चा में आने के बाद जीडीए के नए अफसरों ने पूरे प्रकरण को दोबारा समझा तो मोहल्लेवालों के साथ हुई नाइंसाफी का एहसास हुआ। इसके बाद से ही इस मामले में जीडीए ने अपनी तरफ से कोई कार्रवाई से परहेज किया है।
अफसर बीच का रास्ता तलाश रहे हैं। जीडीए के नियम कायदे जानने वालों की मानें तो इस मामले में लोगों को एक बार फिर अपनी आपत्ति दाखिल करनी होगी। इस पर जीडीए इलाके का दोबारा सर्वे और सत्यापन कराएगी। जीडीए बोर्ड की बैठक में भू-उपयोग बदलने का प्रस्ताव पास कराकर शासन को भेजना होगा। शासन से मंजूरी मिलने पर इन लोगों को राहत मिल जाएगी।
जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने बताया कि महादेव झारखंडी व सिंघड़िया के लोगों की समस्या संज्ञान में है। महायोजना लागू होने के बाद इसके प्रारूप में बदलाव काफी कठिन होता है। इसे जीडीए बोर्ड की बैठक में मंजूरी दिलानी होगी। शासन की सहमति से ही ऐसा संभव हो सकेगा। प्रभावित लोगों को कैसे राहत दी जा सकती है, इसके उपायों पर विचार किया जा रहा है।