भगवान श्री कृष्ण लला विराजमान व शाही मस्जिद ईदगाह पक्षों के मध्य लंबित वाद में हाईकोर्ट ने वाद की पोषणियता मामले में मंदिर पक्ष में फैसला सुनाया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत कर रही है। हाईकोर्ट में 12 अगस्त से सिविल वादों की सुनवाई शुरू होगी।
मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद में लंबित 18 सिविल वादों की पोषणीयता पर हिंदू पक्ष को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल सिविल वाद पोषणीय है। झटके पर झटका खा रही ईदगाह कमेटी हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मुस्लिम पक्ष की ओर से सभी सिविल वादों की पोषणीयता को लेकर दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन अदालत ने दिन प्रतिदिन लंबी सुनवाई की थी। इसके बाद जून में फैसला सुरक्षित कर लिया था।
हिंदू पक्ष के सिविल वाद शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाकर जमीन का कब्जा देने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग को लेकर दायर किए गए हैं। दावा है कि मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर बने मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करने के बाद किया गया है। इसलिए उस विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा का अधिकार है। वहीं, वादियों की विधिक हैसियत पर सवाल खड़ा करते हुए मुस्लिम पक्ष का कहना है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और शाही ईदगाह कमेटी के बीच कोई विवाद नही है।