पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस से कहा कि अगर सात दिन में मामले का खुलासा नहीं किया गया तो सीबीआई को मामले की जांच सौंपी जाएगी। इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा है। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि आखिर सीएम ममता बनर्जी ने पुलिस को सात दिन का समय क्यों दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक उनका प्रदर्शन लगातार जारी रहेगी।
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?
इस मामले में ममता बनर्जी ने पारदर्शी जांच का वादा किया है लेकिन, इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने जांच में देरी को लेकर मुख्यमंत्री की आलोचना की । प्रदर्शनकारियों द्वारा न्यायिक जांच, दोषियों को सख्त सजा और पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा प्रदान करने की मांग की गई है। प्रदर्शनकारियों ने जांच के दौरान भ्रामक जानकारियां फैलाने पर कोलकाता पुलिस से माफी की मांग की है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की भी मांग की है। आपको बता दें कि महिला डॉक्टर की मौत की शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे आत्महत्या करार दिया था लेकिन, बाद में पुलिस ने अपना बयान बदल दिया।
‘जांच शुरु करने में देरी क्यों की गई?’
प्रदर्शन कर रहे एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘जांच शुरू करने में रविवार तक की देरी क्यों की गई? हम इस जांच से नाखुश हैं। हमारी मांगें साफ हैं। हम इस मामले में न्यायिक जांच चाहते हैं और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग करते हैं। हम ये भी चाहते हैं जांच को लेकर भ्रामक जानकारी देने पर कोलकाता पुलिस माफी मांगे।’ इससे पहले पीड़िता के घर के बाहर ममता बनर्जी ने कहा था कि अस्पताल के प्राचार्य संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘संदीप घोष ने बताया कि घटना के बाद उन्हें कई तरह के अपशब्द कहे गए हैं। हमने उन्हें दूसरे विभाग में स्थानांतरित कर दिया है। हमने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य को भी हटा दिया है। इसके अलावा, मामले में लापरवाही बरतने के लिए अस्पताल के छात्री रोग विभाग के प्रमुख और प्रभारी सह पुलिस आयुक्त को भी हटा दिया गया है।’