पिछले वर्षों में भारतीय सरकार चीन से समस्या कम करने के उद्देश्य के साथ कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विनिर्माण का विस्तार करने के प्रयास कर रही है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईटी वर्ल्ड लीडर्स फोरम में चीन को ले कर कहा की ये एक ‘अनोखी समस्या’ है, क्योंकि वहां की राजनीति और अर्थव्यवस्था अनूठी है। जयशंकर का कहना है की , “यह सिर्फ़ भारत की समस्या नहीं है। अगर आज लोग चीन के साथ व्यापार घाटे की शिकायत कर रहे हैं, तो इसकी वजह यह है कि दशकों पहले हम सभी ने जानबूझकर चीनी उत्पादन की प्रकृति और उन लाभों को नज़रअंदाज़ किया, जो उन्हें एक ऐसी व्यवस्था में मिले थे, जिसमें उन्हें सभी लाभों के साथ समान अवसर मिले थे।” जयशंकर ने आगे कहा, “चीन की एक आम समस्या है। हम दुनिया के अकेले देश नहीं हैं, जो चीन के बारे में बहस कर रहे हैं। यूरोप जाकर उनसे पूछिए कि आज आपकी प्रमुख आर्थिक या राष्ट्रीय सुरक्षा बहसों में क्या है? यह चीन के बारे में है। संयुक्त राज्य अमेरिका को देखिए, वह चीन से ग्रस्त है और कई मायनों में सही भी है।”