कानपुर, 1 नवम्बर 2025:
उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर की औद्योगिक पहचान को फिर से स्थापित करने के लिए ₹35,000 करोड़ रुपये का विशेष औद्योगिक पैकेज घोषित किया है। इस योजना का उद्देश्य शहर की पुरानी औद्योगिक विरासत को पुनर्जीवित करना, निर्यात को बढ़ावा देना और स्थानीय स्तर पर नए रोजगार अवसर सृजित करना है।
🔹 योजना की प्रमुख बातें
- नए औद्योगिक पार्क: “सीएम मित्र पार्क” (CM Mitra Park) योजना के तहत 50 एकड़ तक के औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक पार्क के लिए सरकार ₹50 लाख प्रति एकड़ तक की आर्थिक सहायता और आधारभूत सुविधाएँ देगी।
- भूमि बैंक (Land Bank): कानपुर में 100 एकड़ का एक नया एमएसएमई बिज़नेस पार्क बनाया जाएगा। इसके अलावा तहसील स्तर पर 10-10 एकड़ के छोटे पार्क भी विकसित होंगे।
- भूमि स्थानांतरण शुल्क में राहत: पहले 1% ट्रांसफर शुल्क लिया जाता था, जिसे अब समाप्त कर केवल ₹5,000 की निश्चित फीस तय की गई है।
- सड़क और बुनियादी ढाँचा सुधार: इस्पतनगर और व्यापर नगर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों का पुनर्निर्माण और सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
- निर्यात क्षेत्र को प्रोत्साहन: यह योजना विशेष रूप से निर्यातक और एमएसएमई इकाइयों को समर्थन देने पर केंद्रित है, ताकि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सके।
🔹 यह योजना क्यों महत्वपूर्ण है
कानपुर कभी “पूर्व का मैनचेस्टर” (Manchester of the East) कहलाता था। यहाँ की चमड़ा, वस्त्र और मशीनरी उद्योगों ने शहर को भारत का औद्योगिक केंद्र बनाया था।
लेकिन बीते वर्षों में कई इकाइयाँ बंद हो गईं, उत्पादन घटा और रोजगार के अवसर कम हुए।
अब यह पैकेज कानपुर की पुरानी औद्योगिक पहचान को फिर से जगाने का बड़ा प्रयास है।
🔹 संभावित लाभ
- स्थानीय स्तर पर हजारों नए रोजगार सृजित होने की संभावना।
- छोटे व मध्यम उद्योगों (MSME) को सस्ती भूमि और सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- निर्यात और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- शहर की सड़कों, बिजली और परिवहन ढाँचे में सुधार होगा।
- आसपास के ग्रामीण और तहसीली क्षेत्रों को भी औद्योगिक विकास से जोड़ा जाएगा।
⚠️ चुनौतियाँ
- योजनाओं का समय पर कार्यान्वयन सबसे बड़ी चुनौती होगी।
- प्रदूषण और पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए विस्तार की योजना बनानी होगी।
- यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि लाभ केवल बड़े उद्योगों तक सीमित न रह जाए, बल्कि छोटे व्यवसायों तक भी पहुँचे।
🔹 निष्कर्ष
सरकार की यह पहल कानपुर को फिर से एक औद्योगिक शक्ति-केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
यदि योजना सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में कानपुर न केवल प्रदेश बल्कि देश का एक प्रमुख औद्योगिक और निर्यात हब बन सकता है।


