गोरखपुर में नौका विहार पर बृहस्पतिवार को स्टंटबाजी में एक युवक की मौत के बाद पुलिस सख्त हो गई है। स्टंटबाजी रोकने के लिए सीओ कैंट अंशिका वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नौका विहार से पैडलेगंज तक शुक्रवार को चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान ओवर स्पीड, बिना नंबर प्लेट, डीएल और तीन सवारी में मिली 25 बाइक सीज कर दी। साथ ही वहां मौजूद लोगों से ट्रैफिक नियम का पालन करने की अपील की गई
अगर आप डाॅक्टरों की नजर से देखेंगे तो आप भी शायद उन्हें मासूम मानने लगेंगे। डॉक्टरों की मानें तो युवा ऐसा दिमाग में मौजूद एक खास तरह के रसायन के प्रभाव में करते हैं। 17 से 19 साल के नौजवान पहले से ही मेल हार्माेंस की वजह से आवेग में रहते हैं, ऊपर से ब्रेन केमिकल्स डोपामिन के स्रावित होने के चलते उन्हें हर काम को उसके उच्चतम स्तर पर करने में मजा आता है। इसी अति मजे की चाह में वे अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं।
किशोरावस्था से युवावस्था की तरफ बढ़ रहे नौजवानों में ऊर्जा का स्तर अन्य उम्र के लोगों से अधिक होता है। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. तापस कुमार आईच बताते हैं कि शरीर में स्रावित हार्मोंस हर उम्र को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं। 17 से 19 साल की उम्र में स्रावित मेल हार्माेंस टेस्टोस्टोरेन की वजह से आवेग बढ़ा होता है।
उस वक्त अगर आप पढ़ाई कर रहे हैं तो वह आपको और अधिक पढ़ने को प्रेरित करता है। लेकिन, अगर आप सिगरेट पी रहे हैं तो आपको उससे भी अधिक नशीले पदार्थ का सेवन करने को प्रेरित करेगा। एक और ब्रेन केमिकल है सेराटोनिन, वह भी डोपामिन की तरह ही आवेग को और अधिक बढ़ाता है। ऐसे में अगर इनका स्राव अधिक होता है तो युवा सामान्य से अलग हटकर हरकत करने लगते हैं।
एड्रानलिन हार्माेंस भी करता है प्रभावित
एड्रेनल ग्रंथि से स्रावित हार्माेंस एड्रानलिन की वजह से भी व्यवहार में तेजी से परिवर्तन आता है। इसके अधिक स्राव से कई बार ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ होता है। इस हार्माेंस की अधिकता की वजह से कई बार युवाओं का व्यवहार अधिक झगड़ालू हो जाता है। ऐसे में अगर युवा का खुद पर नियंत्रण कमजोर होगा तो उसके व्यवहार में आया परिवर्तन उसे झगड़े में शामिल करा देगा।
हार्मोंस विशेषज्ञ डॉ. कन्हैया अग्रवाल बताते हैं कि हार्मोंस की कमी या अधिकता का भोजन से सीधा संबंध है। आजकल युवाओं में खाने-पीने को लेकर शौक बढ़ा है। उनके भोजन में अधिक तला भुना मसालेदार खाद्य सामग्री के साथ-साथ शराब-बीयर का भी चलन बढ़ा है।
एक तो वैसे ही किशोरावस्था से युवावस्था में जाते वक्त शरीर में सभी हार्मोंस और रसायनों का उत्सर्जन तीव्र होता है, ऊपर से तेल-मसालेदार खाना, एल्कोहल की मात्रा हार्मोंस के स्तर को भी बिगाड़ती है। इससे शारीरिक व मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है।
18 से 25 साल के 35 प्रतिशत युवाओं की आंत हो रही क्षतिग्रस्त
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सर्जन डॉ. अभिषेक जीना बताते हैं कि इमरजेंसी वार्ड में पेट व सिर में गंभीर चोट लगने से भर्ती 18 से 25 साल के युवाओं की संख्या अब 30 फीसदी से भी ऊपर पहुंचने लगी है। इलाज के दौरान जब हादसे की वजह जानी जाती है तो 70 फीसदी मामले अत्यधिक तेज गति से बाइक चलाने के ही आ रहे हैं।
केवल परिवार ही रोक सकता है इसे
साइकोलॉजिस्ट रामेंद्र त्रिपाठी कहते हैं कि हर उम्र में हार्माेंस की अधिकता या कमी से शरीर व मन पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन, उम्र के साथ बढ़ी जिम्मेदारी और सामाजिक दायित्व बोध से व्यक्ति खुद को नियंत्रित करने का प्रयास करता है। पहले परिवार और समाज की स्थिति मजबूत थी तो ऐसी स्थिति आने पर भी युवा खुद को नियंत्रित करने का प्रयास करते थे।
अब एकल परिवार और समाज के कमजोर होने से युवाओं को अधिक स्वतंत्रता मिल गई है। वे इसका गलत इस्तेमाल करने लगते हैं और खुद को दिखाने के चक्कर में हादसे का शिकार हो जाते हैं। इसके ठीक विपरीत किशोरावस्था में ही जो अभिभावक अपने बच्चों को संभाल पाते हैं, उनके बच्चे आगे चलकर बड़ा काम भी करते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में समाज और परिवार का रोल सबसे अधिक हो जाता है।
गोरखपुर में नौका विहार पर बृहस्पतिवार को स्टंटबाजी में एक युवक की मौत के बाद पुलिस सख्त हो गई है। स्टंटबाजी रोकने के लिए सीओ कैंट अंशिका वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नौका विहार से पैडलेगंज तक शुक्रवार को चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान ओवर स्पीड, बिना नंबर प्लेट, डीएल और तीन सवारी में मिली 25 बाइक सीज कर दी। साथ ही वहां मौजूद लोगों से ट्रैफिक नियम का पालन करने की अपील की गई।
सीओ कैंट अंशिका वर्मा ने बताया कि यहां अब हर दिन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। छुट्टी वाले दिनों में पूरे दिन पुलिस टीम सक्रिय रहेगी।