- औंधे मुंह मिला था उसका शव
- अकेली रहती थी मृतका, बेटा भी नहीं आता था मिलने
- सड़ी गली अवस्था में मिली थी उसकी डेड-बॉडी
- गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र की घटना
लखनऊ। गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र में स्थित इंदिरानगर सेक्टर-16 निवासी 72-वर्षीय बुजुर्ग आशा साहू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका 15 दिन पुराना शव कमरे में औंधे मुंह पड़ा मिला। मृतका के बेटे ने दी पुलिस को सूचना। पुलिस ने कहा की उनकी स्वाभाविक मृत्यु हुयी है। परिवारीजनों ने भी किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार इंस्पेक्टर गाजीपुर विकास राय ने बताया कि लेसा से रिटायर्ड इंजिनियर ओमप्रकाश साहू का सेक्टर-16 में मकान है। वर्ष 2020 में ओमप्रकाश की बीमारी से मौत होने के बाद से उनकी पत्नी आशा अकेले रहती थी। बेटा नवीन साहू अमीनाबाद में स्थित पुराने मकान में रहता है। पुलिस के मुताबिक रविवार रात आशा की लाटूश रोड निवासी देवरानी मीरा दर्शन करने इंदिरानगर स्थित एक मंदिर गई थी। रात करीब 9 बजे वह प्रसाद देने के उद्देश्य से आशा के घर पहुंची। काफी देर खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। अनहोनी की आशंका पर मीना ने नवीन को फोन कर मौके पर बुलाया। दीवार फांदकर मकान में दाखिल हुए नवीन ने धक्का देकर भीतर का दरवाजा तोड़ दिया। अंदर कमरे में आशा शव पड़ा था। जानकारी पाकर चौकी इंचार्ज मुंशी पुलिया अभिषेक पांडेय मौके पर पहुंच गए। छानबीन के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पूछताछ में नवीन ने बताया कि आशा का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था। परिवारीजनों ने बीमारी से मौत की आशंका जताई है। इंस्पेक्टर का कहना है कि शव करीब 15 दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। परिवारीजनों ने किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है। उधर, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह से स्पष्ट न होने से विसरा सुरक्षित रखवा दिया है। इंदिरानगर स्थित घर में अकेले रह रहीं आशा की घर में ही करीब 15 दिन पहले मौत हो गई थी। उनका शव घर में पड़ा सड़ गया था, लेकिन उनके अपनों ने इस बीच उनकी सुध नहीं ली। उनके बेटे नवीन ने बताया कि वह अमीनाबाद के झाऊलाल मोहल्ले में रहकर बिजली की दुकान करते हैं। करीब एक महीने पहले आशा के पैर में दिक्कत हो गई थी तो वह उन्हें देखने गए थे और इलाज भी करवाया था। उसके बाद से वह मां के पास नहीं गए थे। उनका कहना है कि उनकी मां व अन्य परिवारीजन में बनती नहीं थी, इसीलिए वह अलग रहती थीं। उनके पिता ने घरेलू कलह में फांसी लगा ली थी। वहीं, दबी जुबान रिश्तेदारों ने बताया कि मां-बेटे में रिश्ते मधुर नहीं थे। बुजुर्ग आशा की जिंदा रहते भले ही अपनों ने सुध नहीं ली, लेकिन शव मिलने के बाद परिवारीजन व रिश्तेदारों का तांता लगा रहा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद आगे की कार्यवाही की जा रही है।