पटना. पूर्णिया के रुपौली विधानसभा उपचुनाव का परिणाम सामने आए एक हफ्ता से अधिक हो गया है, लेकिन इसकी हार आरजेडी और जेडीयू, दोनों को रह-रहकर टीस मार रही है. इस हार ने जो जख्म दिये हैं वह बिहार की राजनीति में बदलाव के संकेत कहे जा रहे हैं.
खास तौर पर चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने इसको लेकर जो तर्क दे रहे हैं उसमें दम भी है. पीके ने यह भी कहा है कि यह तो बदलाव की शुरुआत है आगे-आगे देखिये क्या-क्या होता है. प्रशांत किशोर ने जन सुराज यात्रा के दौरान लोगों के बीच चर्चा के दौरान बताया कि कोई जाति किसी का बंधुआ मजदूर नहीं है और सिर्फ जाति-धर्म के नाम पर वोट नहीं पड़ते हैं. इसी वजह से रूपौली में जदयू और आरजेडी की हार हो गई. लेकिन, ये तो शुरुआत मात्र है अभी आगे आगे देखिए क्या क्या बदलाव बिहार की राजनीति में होने वाला है.
प्रशांत किशोर आरजेडी के उस आरोप पर जवाब देते हुए पलटवार किया है कि पीके भाजपा की B टीम हैं. इसी आरोप के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि, सत्य की अपनी एक ताकत है और सत्य को कोई नहीं हिला सकता. अगर सत्य की अपनी ताकत नहीं होती तो ये RJD वाले को डर नहीं लगता. RJD वालों को डर लग रहा है कि जितने लोग भी छोड़ कर भाग रहे हैं, वो लालटेन के लोग हैं. लालटेन से किरासन तेल निकलना शुरू हो गया है, चिट्ठी आपने पढ़ी होगी. बिहार के लोग मुझे बताएं कि यहां जो 3 दल हैं उनमें सबसे ज्यादा घबराहट किस पार्टी में है? जिसके लालटेन से किरासन तेल निकल रहा है, डर उनमें है.
लालटेन में तेल नहीं बचेगा-प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने आरजेडी पर और तीखा प्रहार करते हुए कहा कि, आने वाले दिनों में लालटेन ही बचेगा तेल नहीं बचने वाला है आप देख लीजियेगा. आज बिहार में जिस समुदाय को डरा रहे हैं कि ये भाजपा की B टीम है, ये वही किरासन तेल है. जिस दिन माइनॉरिटी के साथी निकले कि लालटेन बुझा. आपने देखा होगा अभी रूपौली में चुनाव हुआ लोग मुझे पदयात्रा करते समय ज्ञान देते थकते नहीं हैं कि भैया बिहार MY समीकरण है. NDA का समीकरण है. मैं हर रोज कहता हूं कि जाति-धर्म पर वोट नहीं पड़ता है, लेकिन कुछ लोग मानने को तैयार नहीं होते, नतीजा क्या हुआ
पीके ने बता दिये सियासत में बदलाव के समीकरण
पीके ने इसके बाद रूपौली उपचुनाव परिणाम पर बोलते हुए जो बातें समीकरण के साथ समझाते हुए कहीं वो बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि, आपने देखा होगा रूपौली में 14 से 15 हजार यादव रहते हैं और 45 हजार मुसलमान रहते हैं, मगर आपने देखा होगा RJD की उम्मीदवार बीमा भारती को 30 हजार वोट आया. आज वो रूपौली में तीसरे स्थान पर आईं. कहां गया MY समीकरण? बिहार में लोग कहते हैं कि सभी अतिपिछड़ा समाज के लोग नीतीश कुमार के साथ हैं और भाजपा के साथ हैं, तो फिर कहां गए कलाधर मंडल? वो दूसरे नंबर पर रहे. करीब-करीब गंगोता समाज के लोग 80 हजार हैं. यही कारण है कि मैं समझा रहा हूं कि यहां कोई किसी का बंधुआ मजदूर नहीं है.