इसके पहले एकेटीयू में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए किट वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह नए साल का पहला कार्यक्रम है। आज एकेटीयू का दीक्षांत है, पहला समारोह। इसीलिए आज किट वितरण का कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य आपका विजन बढ़ाना है। आपने स्कूल में काम किया किट वितरण यूनिवर्सिटी में हो रहा है। ताकि आप देखें कि कल यह बच्चे यूनिवर्सिटी में जाएं। हमारा विजन छोटा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का बड़ा और व्यापक विजन होना चाहिए। हमें इस तरह सोचना और प्रबंधन करना चाहिए। सुपरविजन सिर्फ भ्रमण नहीं है। हर बच्चा ठीक से पढ़ाई कर रहा, कहीं कोई दिक्कत है, एक्शन ठीक कर रहा है या नहीं? यह काम सुपरवाइजर, सीडीओ का है। मिट्टी, रेत में बैठकर भी काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों का मनोविज्ञान पढ़ें और इनकी ट्रेनिंग कराएं। बच्चा क्या सोचता है, क्या बनना चाहता है। स्टेज पर सिर्फ बच्चों का कार्यक्रम होगा। विश्व में बच्चों पर शोध हो रहे हैं। इसके बाद ही अभ्यास कार्यक्रम आते हैं। शोध में यह मिला है कि 8 साल की उम्र तक 80 फीसदी बच्चे सीख जाते हैं। बच्चे कौन सी गलती कर रहे हैं, यह देखें। उसकी अंदर की चीजें समझें। मैंने आंगनबाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए सोचा है। यूनिवर्सिटी भी आगे बढ़ रही है। आंगनबाड़ी में गर्भावस्था भी आ जाती है। यह काफी महत्वपूर्ण समय है।
कुपोषण दूर करने के लिए पीएम मोदी ने शुरू किया अभियान
इस अवसर पर यूपी सरकार की मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि खिलौने, मेज और कुर्सी से वंचित छात्रों को यह सुविधा मिल रही है। एकेटीयू पहले 1400 को किट वितरण कर चुका है। आज 400 और को वितरण कर रहा है। लखनऊ के साथ के साथ के कई जिलों में और राज्यपाल की पहल पर इस तरह के कार्यक्रम हुए हैं। देश में कुपोषण दूर करने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत विभिन्न आयोजन हो रहे, जागरूकता लाई जा रही है।
6 माह से 3 साल के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राज्यपाल के विजन के अनुरूप काम करें। अक्षर कैसे, नंबर कैसे पहचाने, इसके लिए गतिविधि आयोजित करें। आगरा में जब मैंने बच्चे से लिखवाया तो वह मुझसे ज्यादा लिखने को तैयार था। बच्चों में काफी क्षमता है।