नगर निगम कार्यकारिणी समिति से छह सदस्य शनिवार को लॉटरी के जरिए बाहर हो गए। समिति के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर शनिवार को 12 सदस्यों में से छह बाहर हो गए। इनकी जगह अब नए छह सदस्यों का चुनाव 13 अगस्त को होने वाली बोर्ड की बैठक में होगा। बाकी बचे छह सदस्य अगले साल स्वत: बाहर हो जाएंगे।
शनिवार की शाम चार बजे शुरू हुई बैठक में पहले आठ जुलाई, 2024 को हुई कार्यकारिणी समिति की चौथी बैठक के कार्यवाही की सर्व सम्मति से पुष्टि की गई। इसके बाद कार्यकारिणी समिति के एक वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने के कारण नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा 51 के तहत कार्यकारिणी समिति के 12 सदस्यों में से छह सदस्यों को लाॅटरी पद्धति से सेवानिवृत्त किया गया। 12 सदस्यों की डब्बे में डाली गई पर्ची में से मेयर ने बारी-बारी से छह पर्ची निकाली।
समिति में यह बचे
छह सदस्यों के बाहर होने के बाद अब समिति में धर्मदेव चैहान, अजय राय, मनोज कुमार, जुबेर अहमद, रविंद्र सिंह, अजय कुमार ओझा बचे हैं। पहली कार्यकारिणी में भाजपा के नौ और समाजवादी पार्टी के तीन सदस्य विश्वजीत त्रिपाठी सोनू, जुबेर अंसारी और विजेंद्र अग्रहरि शामिल हैं। लेकिन लोक सभा चुनाव 2024 के ठीक पहले ही विश्वजीत त्रिपाठी सोनू ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। विश्वजीत और विजेंद्र अग्रहरि का नाम अब कार्यकारिणी से बाहर हो गया है।
इन पार्षदों के नाम की चर्चा
पहली कार्यकारिणी में विश्वजीत त्रिपाठी समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव लड़े थे, ऐसे में वह अब भाजपा से दावेदारी कर सकते हैं। वहीं, भाजपा की तरफ से पूर्व उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा, पवन त्रिपाठी, राजेश कुमार, बबलू गुप्ता उर्फ छट्ठी लाल निर्वाचन की तैयारी कर रहे हैं तो सपा से जियाउल इस्लाम, चंद्रभान प्रजापति, अशोक यादव, रमेश यादव और शहाब अंसारी के नाम चर्चा में हैं।
मानदेय रोकने पर लिपिक निलंबित
कार्यकारिणी की बैठक में पार्षद देवेंद्र कुमार गौड़ पिंटू ने मेयर डाॅ. मंगलेश श्रीवास्तव की अनुमति से एक प्रस्ताव लाते हुए आरोप लगाया कि सीएलसी के जरिए चार सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। इनका मानदेय बिना वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाए वकील सिंह ने रोक रखा था।
आरोप था कि वे चारों कर्मचारी एक ही परिवार के हैं। शिकायत के बाद उनके काम काज की जांच की गई थी। जेडएसओ ने कर्मचारियों का मानदेय उपलब्ध कराने का निर्देश भी दे दिया था। लेकिन, वकील सिंह ने समय से मानदेय दिए जाने के आदेश का अनुपालन नहीं किया। इस पर बैठक में ही नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कर्मचारी वकील सिंह को निलंबित करने का निर्देश दिया।